आपकी गौशाला जीवदया का अद्भुत केन्द्र है । गौशाला में शरण लेने वाले पशुओं की बडे़ मनोभाव से हम सेवा करते हैं । इन मूक पशुऔं का अन्तिम संस्कार भी उसी मनोभाव से ससम्मान हो यह हमारी धारणा है । उस पशु का शव छेदन हो, ठीक नहीं । उस अन्जाने मूक जीव के प्रति यथोचित सम्मान मिले यह ही हमारी भावना है ।
दिवंगत पशु का अन्तिम संस्कार उसे समाधि देकर ही हो सकती है । जिस पशु के जीवन से हम अनुग्रहीत हुये वह मृत्यु उपरान्त भी हमारा उपकार कर सकता है । समाधिस्थ पशु का शरीर ६ माह उपरान्त अति उत्तम खाद में परिवर्तित हो जाता है । यह प्रयोग आपकी गौशाला में उपयुक्त आरक्षित स्थान में किया जावे तो गौशाला को यह समाधि खाद, हरा चारा, सब्जी, फल आदि के उत्पादन में बहुत अच्छी फसल दे सकता है इस प्रकार के सफल प्रयोग कई जगह वैज्ञानिकों ने किये हैं । परिणाम बहुत अच्छे आये है । आप भी प्रयास कीजिये । आपका यह कदम गौशाला की समृध्दि मे सहयोगी होगा ।