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दयोदय महासंघ


हमारा यह प्यारा भारत वर्ष ऋषियों-मुनियों की साधना का केंद्र रहा है। भारत के उज्ज्वल भविष्य की नीति निर्धारण का चिंतन चल रहा है, तब क्यों न हम ईमानदारी से आत्मावलोकन करें। भारतीय संस्कृति अहिंसक रही है। कृष्ण की कहानी यहाँ की माटी और पानी में घुली-मिली है। जियो और जीने दो का संदेश देने वाले हमारे देश में मांस निर्यात के निरंतर नए कसाईघरों (कत्लखानों) का निर्माण, निरीह पशुओं का बढ़ता हुआ वध, पशुओं के प्रति बढ़ती हुई क्रूरता/हिंसा, अपंग/वृद्ध एवं अनुपयोगी पशुओं की उपेक्षा, मांसाहार का बढ़ता प्रचलन, प्राणी जन्य उत्पाद अंडा आदि को शाकाहारी बताने का छल आदि हिंसक क्रूरता तथा अनैतिक कार्य सभी अहिंसा प्रेमी और करुण हृदय को व्यथित कर रहे हैं। जिस गति से निरीह पशुओं का वध किया जा रहा है, यही स्थिति रही तो आगामी पंद्रह वर्षों में यह देश पशु-पक्षी विहीन हो जाएगा। संतों, महंतों, ऋषियों, मुनियों का इस ओर ध्यान आकृष्ट हुआ है। .

परम पूज्य १०८ दिगंबराचार्य संत शिरोमणी श्री विद्यासागरजी महाराज के करुण हृदय से देशोत्थान के लिए मांस निर्यात प्रतिबंध की आवाज निकली, उनके शुभ आशीर्वाद एवं प्रेरणा से संस्कारधानी जबलपुर में गौशाला खोलने के लिए दिगंबर जैन समाज की भावना काफी समय से रही है। इसी बीच परम पूज्य १०८ आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज की आज्ञानुवर्ती शिष्या १०५ आर्यिका दृढ़मति माताजी के ससंघ प्रभावनापूर्ण पावन वर्षायोग १९९८, पिसनहारी मढ़िया जी के दौरान पूज्य आर्यिका संघ के निर्देशन में जबलपुर ने न्यास विलेख का निष्पादन कर उसके पंजीयन का दायित्व एवं न्यास के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु राशि/संपत्ति एकत्रित करने का दायित्व नवयुवकों को सौंपा गया तदानुसार श्री दिगंबर जैन समाज जबलपुर के प्रबुद्ध सक्रिय, निष्ठावान, करुणावान, सक्षम नवयुवक इस न्यास के निर्माण एवं विलेख के पंजीयन का दायित्व पूर्ण कर रहे हैं। पंजीयन के उपरांत नियमों व प्रावधानों के अनुरूप न्यास का प्रबंधन एवं संचालन न्यासियों एवं प्रबंधकारिणी समिति द्वारा किया जाएगा।

न्यास के उद्देश्य


  • अपंग, बूढ़ी, परित्यक्त, बीमार, असहाय एवं वध हेतु प्रयोजित गायों को प्राप्त कर उनकी सेवा।
  • गौ संवर्धन, संरक्षण एवं सेवा।
  • गौ उपयोगिता का प्रमाणित पुष्टीकरण, उसके गोबर, मूत्र एवं दूध की आर्थिक उपादेयता स्थापित करना।
  • गौ संवर्धन से पर्यावरण संतुलन का प्रामाणिक पुष्टीकरण।
  • गायों को स्वस्थ बनाकर गरीब किसानों में आबंटन।
  • गायों की देशी प्रजातियों का विकास।
  • वृद्धों एवं तिरस्कृत वृद्ध, बीमार महानुभावों की चिकित्सा एवं सेवा।
  • वृद्धों के अनुभवों का काम लेने की व्यवस्था एवं समाज में देशो गौवंशो की उपयोग्यता स्थापित करना |
  • मांस   निर्यात    एवं  बूचरखानों का  जन जाग्रति  से विरोध एवं विधियक कारवाही करना एवं  जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के प्रति कार्य करना |
  • युवाओ को गौवंशो, हमारी संस्कृति ,जैविक उत्पाद , जैविक खेती से जोड़ना | जैविक , गौमूत्र उत्पाद , गोबर गैस गोबर उत्पाद और अगरबती ,गैसोलीन ,साबुन के निर्माण को प्रोत्साहित करना |

गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु

  • गौशालाओं में दुधारू गायों का पालन करना
  • जैविक खाद तैयार कर विक्रय करना
  • गोमूत्र से दवाइयों का निर्माण करना
  • सभी इकाइयों को एक केंद्रीय नेटवर्क में लाकर समुन्नत प्रबंधन द्वारा आत्मनिर्भर बनाना
  • प्रशिक्षण अनुसंधान एवं विकास की व्यवस्था करना
  • ग्रामीण आबादी को पशुपालन के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना
  • स्वस्थ पशुओं के श्रम से तेल घाणी, गुण उत्पादन, विद्युत उत्पादन, गोबर गैस उत्पादन एवं वितरण आदि आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना
  • गोबर गैस से ऑटो CNG तैयार करना

संगठन की जानकारी

संगठन नाम - दयोदय महासंघ
पंजीकृत क्र.- 01/01/01/27171/13
अध्यक्ष - श्री मल्ल कुमार जैन
कोषाध्यक्ष - श्री प्रेमचंद जैन "प्रेमी"
पंजीकृत - म. प्र. गौसेवा आयोग
प्रेरणा - आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज
महामंत्री - श्री वीरेन्द्र जैन